PM Vishwakarma Yojana 2025: पारंपरिक कारीगरों को मिलेगी ₹15000 की सहायता, नए आवेदन शुरू

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PM Vishwakarma Yojana 2025

PM Vishwakarma Yojana 2025: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 के तहत देशभर के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक बार फिर राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत नए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह योजना ऐसे लोगों के लिए है जो किसी पारंपरिक पेशे से जुड़े हैं और अपने काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं। योजना के जरिए उन्हें आर्थिक मदद, मुफ्त टूलकिट, प्रशिक्षण और सस्ते ब्याज पर लोन जैसी सुविधाएं मिलती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2023 में शुरू की गई यह योजना अब 2025 में भी जारी है। इस योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिससे देश के किसी भी कोने से इच्छुक लोग घर बैठे आवेदन कर सकते हैं। खास बात यह है कि आवेदन के लिए किसी प्रकार की फीस नहीं देनी होती।

PM Vishwakarma Yojana 2025

PM Vishwakarma Yojana 2025 केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के आर्थिक और तकनीकी विकास के लिए शुरू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देना है जो पीढ़ियों से पारंपरिक व्यवसाय जैसे बढ़ई, दर्जी, लोहार, कुम्हार, सुनार, नाई, खिलौना निर्माता जैसे कार्यों में लगे हुए हैं। वर्ष 2025 में भी यह योजना पूरी सक्रियता के साथ चल रही है और इसके तहत 15,000 रुपए की टूलकिट सहायता, कौशल प्रशिक्षण, डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन और 3 लाख रुपए तक का सस्ता ऋण प्रदान किया जा रहा है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे कोई भी पात्र नागरिक घर बैठे ही योजना में शामिल हो सकता है। सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से पारंपरिक हुनर को जीवित रखना और उन्हें नए युग के साथ जोड़ना है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।

18 पारंपरिक व्यवसायों को मिल रहा सीधा लाभ

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। इसमें बढ़ई, लोहार, दर्जी, कुम्हार, सुनार, नाव बनाने वाले, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, नाई, खिलौना निर्माता, मूर्तिकार, मोची और चटाई बनाने वालों जैसे 18 से ज्यादा पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है।

जिन लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर है और जो अपने काम को और बेहतर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। पहले से कार्यरत लोगों को ही इस योजना में प्राथमिकता दी जा रही है।

मिलेंगे यह लाभ

योजना से जुड़ने वाले लोगों को सरकार की ओर से 15,000 रुपए की आर्थिक सहायता टूल किट के लिए दी जाती है। इसके अलावा 3 लाख रुपए तक का सस्ता लोन भी दिया जाता है जिस पर ब्याज दर 6 से 8 प्रतिशत तक होती है।

डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रशिक्षण के साथ डिजिटल भुगतान के तरीकों से भी जोड़ा जाता है। साथ ही, प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक लाभार्थी को ₹500 प्रतिदिन के हिसाब से स्टाइपेंड भी दिया जाता है। यह प्रशिक्षण लगभग 8 से 10 दिनों का होता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना 2025: आवेदन करने की प्रक्रिया ऐसे करें पूरी

अगर आप पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़ना चाहते हैं और इसके लाभ लेना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान चरणों को ध्यान से पढ़ें। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और आप घर बैठे इसमें आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया:

  1. सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
  2. वेबसाइट पर पहुंचने के बाद “Register” या “Apply Now” विकल्प पर क्लिक करें।
  3. अब आपको अपने मोबाइल नंबर और आधार कार्ड से OTP के जरिए सत्यापन करना होगा।
  4. इसके बाद आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज भरने होंगे।
  5. जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, व्यवसाय प्रमाणपत्र आदि अपलोड करें।
  6. सारी जानकारी भरने के बाद फॉर्म को ध्यान से चेक करें और फिर सबमिट कर दें।
  7. आवेदन सबमिट होने के बाद आप उसका प्रिंट आउट निकालकर भविष्य के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।

एक बार आवेदन स्वीकार हो जाने के बाद लाभार्थी को योजना के तहत प्रशिक्षण, टूलकिट और लोन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

सरकार का उद्देश्य इस योजना के माध्यम से पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देना और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाना है। वर्ष 2025 में भी यह योजना लाखों लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है।

निष्कर्ष


प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 उन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने कार्य को आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। यह योजना न केवल उन्हें आर्थिक सहायता देती है, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण से जोड़कर आत्मनिर्भर भी बनाती है। डिजिटल युग में पारंपरिक हुनर को प्रोत्साहित करना सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है। ऐसे में यदि आप किसी पारंपरिक पेशे से जुड़े हैं, तो इस योजना से जुड़कर अपने भविष्य को सुरक्षित और मजबूत बना सकते हैं।

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